उत्तराखंड: कलयुग का निर्दयी पिता...सर्द रात में 2 दिन की बच्ची को स्टेशन पर छोड़कर भागा
आज भी लोग बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता से ग्रस्त हैं। ऐसा नहीं होता तो रुद्रपुर में एक पिता अपनी नवजात बच्ची को लावारिस छोड़कर कतई नहीं जाता।
एक तरफ सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चला रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बेटियां कोख में मारी जा रही हैं। जो कोख में बच जाती हैं, उन्हें सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। तमाम योजनाएं और अभियान भी बेटा-बेटी के बीच फर्क की खाई को पाटने में नाकामयाब रहे हैं, आज भी लोग बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता से ग्रस्त हैं। ऐसा नहीं होता तो रुद्रपुर में एक पिता अपनी नवजात बच्ची को लावारिस छोड़कर कतई नहीं जाता। रुद्रपुर र...
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