उत्तराखंड: शहीदों के गांव में पहली बार पहुंची गाड़ी, ग्रामीणों के लिए बन गया यादगार दिन
यमुना घाटी के पौल गांव को शहीदों के गांव के रूप मे जाना जाता है। पिछले कई साल से ये गांव सड़क के लिए तरस रहा था। अब गांव में सड़क बन गई है, मंगलवार को यहां पहली बार चौपहिया वाहन पहुंचा...
देश को आजाद हुए कई दशक बीत चुके हैं, लेकिन पहाड़ के सुदूरवर्ती गांवों को अपनी समस्याओं से ना जाने कब आजादी मिलेगी। दूरस्थ गांवों में रहने वाले लोग आज भी बिजली-पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। लोग कहते हैं कि हर पांच साल में सरकार तो बदलती है, लेकिन गांवों के हालात नहीं बदल रहे। उत्तरकाशी के बड़कोट तहसील से सटे पौल गांव का भी यही हाल था। इस गांव में सड़क नहीं थी। कुछ समय पहले गांव में मनरेगा के तहत सड़क बनी और मंगलवार को गांव में पहली बार चौपहिया वाहन पहुंचा। चौपहिया वाहन देख...
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