पहाड़ के कंडवाल गांव की बेटी..दिल्ली छोड़ घर लौटी, भांग से बनाए डिज़ाइनर कपड़े..कमाई भी अच्छी
नम्रता ने दिल्ली में रहकर आर्किटेक्ट की पढ़ाई की। चाहती तों लाखों के पैकेज वाली जॉब कर सकती थीं, लेकिन कुछ अलग करने की चाह उन्हें गांव खींच लाई...
पहाड़ की कर्मठ बेटियां स्वरोजगार से सशक्तिकरण की कहानियां लिख रही हैं। ऐसी ही होनहार बेटी हैं यमकेश्वर की नम्रता कंडवाल (namrata kandwal), जो कि नशे के लिए बदनाम भांग से विभिन्न तरह के उत्पाद बना रही हैं। भांग का ऐसा बढ़िया इस्तेमाल भी हो सकता है, ये किसने सोचा था। नम्रता कंडवाल (namrata kandwal) पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर की रहने वाली हैं। उन्होंने दिल्ली में रहकर आर्किटेक्ट की पढ़ाई की। चाहतीं तो शहर में अच्छी तनख्वाह...
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