उत्तराखंड लॉकडाउन: जब एक पिता अपने 6 महीने के बच्चे को कंधे में रखकर पहाड़ के लिए चला

रेस्टोरेंट में काम करने वाले दन्या गांव के निवासी बसन्त कुमार को लॉकडाउन के बाद रोज़गार से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने माह के बच्चे को साथ लिए परिवार समेत पैदल ही गांव तक का सफर पूरा करने का फैसला लिया।

लॉकडाउन के दौरान लोग घर से नहीं निकलते, दुकानें नहीं खुलतीं, सड़कों पर वाहन नहीं दिखते,साथ ही लोगों को घर में रहने के निर्देश भी दिए जाते हैं। मगर उन लोगों का क्या जो अपने घरों से दूर हैं? क्या लॉकडाउन उन लोगों के लिए नहीं है जो घरों से दूर होकर काम करते हैं? जिनका रोज़गार ठप्प पड़ चुका है, जो सरकार से गुहार लगाते-लगाते थक जाते हैं कि हमें वापस जाने दिया जाए। सड़कों पर वाहन नहीं है तो कोई कैसे वापिस जाएगा? ऐसी हालातों में कई लोग पैदल ही घर वापसी कर रहे हैं। जब रहने के लिए घर नहीं होगा, खाने के लिए र...
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