अहा..मूड रिफ्रेश करने वाला नया गढ़वाली गीत, शब्द और संगीत का बेजोड़ संगम..आप भी देखिए
आंख्योंन लांदी सुर्याली, खुट्योंन तलबली ढसाक..अहा..मजा आ गया साहब...खूबसूरत शब्दों से सजा ये गीत शोर और कानफोड़ू गीतों के बीच सुकून की ठंडी बयार जैसा लगता है। आगे देखें वीडियो...
कुछ ओरिजिनल सुनना है, तो ये गीत जरूर सुनिएगा...वरना सोशल मीडिया पर कॉपी गीतों की कमी नहीं है। ओरिजिनिल सुनिए भई..कानों को शब्द अच्छे लगेंगे, मन को संगीत अच्छा लगेगा और दिल को तसल्ली होगी कि चलो उत्तराखंड में कुछ युवा तो हैं, जो ओरिजिनल पर फोकस कर रहे हैं। जंदेरू, उरख्यली, गंज्याली....ये पहाड़ की जिंदगी ही नहीं, पहाड़ की संस्कृति का भी अभिन्न हिस्सा हैं। यही वजह है कि उत्तराखंडी लोकगीतों में इन्हें खास जगह मिली है, और रुतबा भी। लॉकडाउन के चलते वीरान पड़े घर-गांवों में रौनक लौट आई है। तिबरी चमकने ...
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