गढ़वाल: गांव वालों ने दिखाया सिस्टम को आईना, किसी ने नहीं सुनी तो खुद बना दी सड़क
गांव वालों के लिए सड़क "लाइफ लाइन" से कम नहीं है। ऐसे में उन्होंने खुद ही सड़क बनाने की ठानी और महज 3 दिनों में 500 मीटर लंबी सड़क बना दी। उनकी इस मुहिम की हर कोई सराहना कर रहा है।
शहरों की सुख सुविधाओं के बीच कट रही हमारी जिंदगी में सड़क कोई अधिक महत्व नहीं रखती। वो इसलिए क्योंकि यह मूलभूत जरूर है जो कि हमारे पास आसानी से उपलब्ध हैं। मगर क्या सड़क जैसी मूलभूत जरूरत उतराखंड में हर किसी के पास उपलब्ध है? यह सिस्टम की लापरवाही के ऊपर एक बड़ा सवाल है। आज भी उत्तराखंड के न जाने कितने ऐसे गांव हैं जिनके पास सड़क नहीं है। आज भी उत्तराखंड राज्य के कई ग्रामीणों के गांव तक सड़क पहुंची ही नहीं है। अब भी अगर गांव में कोई बीमार होता है या कोई महिला का प्रसव होता है तो उनको कंधों पर बैठा क...
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