उत्तराखंड: प्रसव के दौरान मां और नवजात की मौत, मातम में बदली गरीब परिवार की खुशियां
उत्तराखंड के चंपावत में रहने वाली सीता प्रेग्नेंट थी। माता-पिता घर में नन्हें मेहमान के स्वागत की तैयारी कर रहे थे, लेकिन किसे पता था कि आने वाली खुशियों को गरीबी की नजर लग जाएगी।
परिवार में बच्चे का आगमन खुशियों की दस्तक माना जाता है। किसी मां के लिए ये पल उसके जीवन का सबसे अनमोल पल होता है, पर पहाड़ में ये खुशी हासिल करने के लिए महिलाओं को जिस दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ता है, उसे देख कलेजा कांप उठता है। कहीं अस्पताल नहीं हैं, तो कहीं अस्पताल ले जाने में गरीबी आड़े आ जाती है। नतीजा, जच्चा और बच्चा दोनों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। चंपावत में रहने वाली 28 साल की सीता के साथ भी यही हुआ। सीता प्रेग्नेंट...
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