पहाड़ की प्रीति..छोटे से कमरे से शुरू की मशरूम की खेती, अब हो रही है शानदार कमाई
प्रीति अपने गांव मशरूम की खेती कर रही हैं साथ ही वे कई युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनको स्वरोजगार की तरफ प्रेरित भी कर रही हैं।
स्वरोजगार......कोरोना काल के दौरान इस शब्द से जुड़े कई अविस्मरणीय उदाहरण समाज के सामने आए हैं। रोजगार छिन जाने के बाद पिछले कुछ महीनों में शहरों से गांवों की ओर लौटे युवाओं द्वारा स्वरोजगार की कई अनोखी परिभाषाएं गढ़ी गई हैं। उनको यह आभास हो रहा है कि गांव में रहकर शहरों से कहीं अधिक कमाई की गुंजाइश है। आजकल के युवा स्वरोजगार से इसलिए जुड़ पा रहे हैं क्योंकि उनके आसपास कई ऐसे प्रेरणास्त्रोत जो कई सालों से पहाड़ों की किस्मत चमका रहे हैं और अपनी लगन एवं मेहनत से स्वरोजगार के क्षेत्र में अपना नाम बुलंद ...
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