गजब..पहाड़ में रहकर पारंपरिक खेती सीख रहे हैं विदेशी वैज्ञानिक और छात्र
देश के किसान जहां खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों पर निर्भर हो गए हैं तो वहीं विदेशी कृषि वैज्ञानिक उत्तराखंड आकर खेती का पारंपरिक ज्ञान सहेज रहे हैं। देखिए कोटाबाग में क्या हो रहा है...
कोरोना जैसे घातक वायरस के अचानक आगमन से पूरे देश में व्यवसायिक गतिविधियां ठप हो गईं। नौकरी छूट जाने की वजह से लाखों प्रवासियों को महानगरों से गांव में आने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसे लोग अब व्यवसायिक खेती को अपना कर अपने बंजर खेतों को फिर से आबाद करने में जुटे हैं। लेकिन आज भी देश में खेतों की पैदावार बढ़ाने के लिए किसान रसायनिक उर्वरकों का उपयोग करते हैं। वहीं दूसरी तरफ विदेशी वैज्ञानिक भारत की पारंपरिक खेती के मुरीद हो गए हैं। भारत आकर यहां की खेती के पारंपरिक तरीके को जानकर इस ज्ञान को सहेजने...
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