गढ़वाल: काम में मिली लापरवाही, डीएम स्वाति ने रोका पूर्ति निरीक्षक का वेतन
राजकीय अन्न भंडार में तीन महीने का राशन होने के बावजूद जिले के 50 प्रतिशत राशन डीलरों ने सितंबर का राशन नहीं उठाया। अब आगे पढ़िए
कोरोना काल में सबकी परेशानियां बढ़ी हैं। गरीब तबके के लोग ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि रोजगार के साधन छिन गए। इनकी परेशानी को कम करने के लिए सरकार सस्ता राशन जैसी कई सुविधाएं दे रही है, लेकिन ये राशन लोगों तक पहुंच नहीं रहा। वो इसलिए क्योंकि राशन डीलर्स को इन लोगों की तकलीफों से कोई मतलब नहीं। एडवांस राशन राजकीय अन्न भंडार में पड़ा रहता है, लेकिन राशन डीलर इसे उठाकर सस्ते गल्ले की दुकान तक लाने की जहमत नहीं उठाते। लोगों को बस यही सुनने को मिलता है कि ‘राशन अभी आया नहीं’। चमोली में भी यही हो रहा था...
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