उत्तराखंड की सुखद तस्वीर..लॉकडाउन में गांव लौटे युवाओं ने गांव में ही खोल दी पाठशाला
मिलिए बागेश्वर जिले के प्रवासी युवाओं से जो इस समय अपने गांव में वापस लौट चुके हैं और प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को प्रतिदिन मुफ्त में पढ़ाने का नेक काम कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के कारण हम सबकी जिंदगी सिमट कर रह गई है। अधिकतर काम ऑनलाइन हो रहे हैं। इस बीच ऑनलाइन शिक्षा के लिए एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन स्मार्टफोन या फिर लैपटॉप होना बहुत जरूरी है। हमें यह चीज ध्यान में रखनी चाहिए कि शहरों के साथ-साथ गांव में भी बच्चे पढ़ने की चाहत रखते हैं। तो क्या उन बच्चों तक शिक्षा पहुंच पा रही है? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बच्चे ऑनलाइन शिक्षा जैसी सुविधा का फायदा ले पा रहे हैं? जी नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करना...
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