देहरादून का ईनामी डॉक्टर 26 साल बाद गिरफ्तार, DIG अरुण मोहन जोशी का प्लान काम आया
डॉक्टर साहब को शस्त्र लाइसेंस की जरूरत थी। तब इन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के लेटरपैड पर निजी सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज जिलाधिकारी कार्यालय में जमा करा दिए, लेकिन फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया।
किसी ने सच ही कहा है परफेक्ट क्राइम जैसी कोई चीज नहीं होती। कानून के हाथ लंबे होते हैं, सालों बाद ही सही अपराधी के गिरेबान तक पहुंच ही जाते हैं। अब देहरादून में ही देख लें। यहां 26 साल पहले एक डॉक्टर ने हथियार के लाइसेंस के लिए फर्जीवाड़ा किया था। डॉक्टर की किस्मत खराब थी। फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया और फिर पुलिस डॉक्टर के पीछे पड़ गई। डॉक्टर को जैसे ही ये पता चला कि पुलिस उसे ढूंढ रही है, वो तुरंत दून से फरार हो गया। आरोपी की...
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