नवरात्र स्पेशल: देवभूमि का जागृत सिद्धपीठ, जहां मां काली देती हैं साधकों को शक्ति का वरदान
कालीमठ सिद्धपीठ को मां कामाख्या और मां ज्वालामुखी के सामान अत्यंत उच्च कोटि का माना जाता है। यहां कालीशिला पर आज भी मां काली के पैरों के निशान देखे जा सकते हैं।
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नौ दिनों तक चलने वाली इस पूजा में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र के मौके पर राज्य समीक्षा आपके लिए सिद्धपीठों के दर्शन करने का सुअवसर लेकर आया है। आज हम आपको उत्तराखंड के उस सिद्धपीठ के बारे में बताएंगे। जहां असुरों का संहार करने के लिए मां काली 12 साल की बालिका के रूप में प्रकट हुई थीं। धनात्मक दृष्टिकोण से इस सिद्धपीठ को मां कामाख्या और ...Click Here to Read Full Article