देहरादून की बेटी..पिता की मौत के बाद हाथ में थामा ई-रिक्शा, बनी बीमार मां का सहारा
गुलिस्तां जो कर रही हैं, वो कर पाना आसान नहीं था, पर अपनी हिम्मत से गुलिस्तां ने इसे मुमकिन कर दिखाया...देखिए वीडियो
महिला सशक्तिकरण की बातें तो आपने खूब सुनी होंगी, पर अगर आपको इसकी जीती जागती मिसाल देखनी है तो देहरादून चले आईए। यहां रहतीं हैं 25 साल की गुलिस्तां अंसारी, आम सी दिखने वाली ये लड़की जो काम करती है, वो करना आसान नहीं है। इसके लिए इच्छाशक्ति तो चाहिए ही, साथ ही समाज के तानों का मुंहतोड़ जवाब देने की हिम्मत भी। गुलिस्तां देहरादून की पहली महिला ई-रिक्शा चालक हैं। आमतौर पर मुस्लिम लड़कियों को बुर्कानशीं माना जाता है। ज्यादातर लड...
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