गढ़वाल की दो शिक्षिकाओं का बेमिसाल काम..लॉकडाउन में बदली बदहाल स्कूल की सूरत
धारकोट के सरकारी स्कूल की शिक्षिकाओं ने साबित कर दिया कि अगर हर शिक्षक अपने काम को नौकरी से ज्यादा जिम्मेदारी समझे तो स्कूलों की दशा और दिशा बदलते देर नहीं लगेगी।
‘मेरा विद्यालय, मेरा गौरव’। धारकोट प्राथमिक स्कूल की दीवार पर लिखी इस पंक्ति को यहां की दो शिक्षिकाओं ने अपने जीवन में उतार लिया। साफ-सुथरे क्लासरूम, सामाजिक संदेशों से सजी दीवारें और स्वच्छ स्कूल परिसर। ये तस्वीरें यमकेश्वर के प्राथमिक विद्यालय की हैं। कहने को ये सरकारी स्कूल है, लेकिन पढ़ाई और सुविधाओं के मामले में प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देता है। धारकोट के प्राथमिक विद्यालय का ये कायाकल्प देखकर आप भी हैरान हुए बिना नही...
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