शाबाश भुली..पहाड़ की समृद्ध परंपरा को साथ लेकर चली बेटी..अब रोजगार के साथ अच्छी आमदनी
चौखटों और दीवारों पर रंग उकेरने वाली कला ऐपण में निपुणता हासिल कर स्वरोजगार की अनोखी मिसाल पेश कर रही हैं उत्तराखंड की बेटी मीनाक्षी खाती। पढ़िए इनकी कहानी
उत्तराखंड की पावन देवभूमि अपने अंदर सांस्कृतिक विरासत और कई अनमोल परंपराओं को समेटे हुए है। कई सारे लोककलाएं ऐसी हैं जो उत्तराखंड में सैकड़ों वर्ष से चलती आ रही हैं और अब भी कहीं ना कहीं वे जीवित हैं। खासकर कि गांव के अंदर लोककलाएं अभी भी देखने को मिलती हैं और लोग उतनी ही प्रेम और उत्साह के साथ इन लोककलाओं को अपनी जीवनशैली के अंदर सदैव समेट कर रखते हैं। इनमें से एक लोक कला है ऐपण जो कि कुमाऊं की एक बेहद प्रचलित लोक चित्रकला ...Click Here to Read Full Article