उत्तराखंड में हर साल 200 बेटियां हो रहीं हैवानियत की शिकार.. पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट

कानून व्यवस्था बनाए रखने पर हर साल करोड़ों खर्च होते हैं, लेकिन फिर भी सरकार-प्रशासन बेटियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाए रखने में विफल साबित हुए हैं।

एक वक्त था जब पहाड़ में किसी परिवार की बेटी को पूरे गांव की बेटी माना जाता था। उसे मान-सम्मान और सुरक्षित माहौल मिलता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में सब बदल गया। महिलाएं और बेटियां घर से बाहर निकलें, पढ़ने जाएं, किसी समारोह में जाएं या अपनी नौकरी पर जाएं, उनके लिए असुरक्षा का भय आतंक बनकर साथ चलता है। प्रदेश में हर दिन रेप और यौन हिंसा के मामले दर्ज होते हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने पर हर साल करोड़ों खर्च होते हैं, लेकिन फिर भी सरकार-प्रशासन बेटियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाए रखने में विफल साबित ह...
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