पहाड़ की बसंती राणा को सलाम, डेढ़ हजार महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा..दिखाई तरक्की की राह
किसने सोचा था कि गांव की सामान्य सी महिला एक दिन डेढ़ हजार महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ेगी, उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी, लेकिन बसंती राणा ने ये कर दिखाया। आगे पढ़िए पूरी खबर
इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं। हम वो सब कर सकते हैं, जो हम सोच सकते हैं और हम वो सब सोच सकते हैं, जो हमने आज तक नहीं सोचा। इस पंक्ति को अगर हकीकत में साकार होते देखना है तो हल्द्वानी चले आइए। जहां कर्मठ बसंती राणा सैकड़ों महिलाओं को स्वरोजगार का पाठ पढ़ा रही हैं। उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना सिखा रही हैं। किसने सोचा था कि गांव की एक सामान्य सी म...
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