उत्तराखंड: ‘बंशी’ की तान बेसुरा गान, शब्दों को भी थोड़ा ‘धर’ लो..पढ़िए इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग
काश कि ऐसी प्रतिस्पर्द्धा जनहित के लिए भी होती..पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार एवं एक्टिविस्ट इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग
यह कमाल है भाई,बुढ़ापा भी गाली है ! और गाली की तरह भी वो इस्तेमाल कर रहे हैं,जो खुद भी उसी अवस्था को प्राप्त हैं ! नवजात तो वे भी नहीं,लौंडे-लपाड़े भी नहीं रहे गए,लौंडे-लपाड़े होते तो प्रदेश अध्यक्ष नहीं आईटी सेल के मुखिया बनाए जाते,जम के गाली-गलौच करते ! जो कल वे बोले वो तो उनके आईटी सेल में निरामिष बात है,फूल समान ! वो तो सब डॉट-डॉट-बीप-बीप वाली ही भाषा बोलते हैं ! उम्र होती भगत जी की तो उन्ही में भर्ती किए जाते. आईटी सेल का ...
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