पहाड़ का इको वॉरियर: 26 साल के चंदन ने लगाए 40 हजार पौधे..तैयार किया अपना जंगल
चंदन पर्यावरण को लेकर इतने सजग हैं कि उन्होंने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को अपनी देह दान कर दी है। ताकि उनकी मौत के बाद किसी पेड़ को न काटना पड़े।
हरे-भरे वन क्षेत्र और जैविक संपदा उत्तराखंड की पहचान है। हमें इस संपदा को संजोकर रखना है, लेकिन कमर्शियल एक्टिविटीज के चलते ये संपदा नष्ट होती जा रही है। विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन कैसे रखना है, ये हम आज तक नहीं सीख पाए। एक तरफ जहां लोग अपनी जरूरत और स्वार्थ के लिए पेड़ों को काटते चले जा रहे हैं तो वहीं पहाड़ में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने जंगल को बचाने के लिए अपना जीवन तक दांव पर लगा दिया है। नैनीताल जिले के ओखलकांड...
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