उत्तराखंड: पहले हुई पति की मौत, अब मकान जलकर राख..3 बेटियों संग बेघर हुई मां
एक तो पति को खोने का गम, उस पर अब तारा देवी के पास सिर छिपाने के लिए कोई आसरा भी नहीं रहा। तारा के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। सोचिए इस कड़ाके की ठंड में वो अपने बच्चों को लेकर कहां जाएगी।
एक घर सिर्फ चार दीवारों का ढांचा भर नहीं होता। ये किसी के सपने होते हैं, कई जिंदगियों का आसरा होता है। जिस घर में हमारा, हमारे अपनों का बचपन गुजरता है, जिसे हम अपने हाथों से संवारते हैं, सोचिए जब वो घर हमारी नजरों के आगे धू-धू कर जलने लगे तो कलेजे पर क्या गुजरती होगी। इस दर्द को पिथौरागढ़ में रहने वाली तारा देवी से बेहतर भला कौन समझ सकता है। तारा देवी वो महिला है, जिसने 11 दिन पहले अपने पति को खो दिया। पति मेहनत-मजदूरी करत...
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