चमोली त्रासदी: दुख,पीड़ा और अवसाद से रेसक्यू कैसे होगा? पढ़िए इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग
अपनों के लापता होने का दर्द झेल रहे लोगों की दुख,पीड़ा और अवसाद से रेसक्यू कैसे होगा,कौन जाने ? आप भी पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग
7 फरवरी को आई जल प्रलय को आज पाँच दिन पूरे हो चुके हैं. तपोवन में बैराज साइट को जाने वाली सड़क पर इक्का-दुक्का वाहनों, मीडिया वालों और आम लोगों की आवजाही दिख रही है. शाम ढल रही है और ढलती शाम के साथ फंसे हुए और लापता मजदूरों के परिजनों और रिश्तेदारों की उम्मीदों भी ढल रही हैं। आपदा स्थल पर आने वाली तमाशाई और सेल्फी खिंचाने वाली भीड़ तो छंट ही गयी है. लेकिन लापता मजदूरों और अन्य कार्मिक भी हताश हो कर वापस लौट रहे हैं. जो मौजूद हैं,उनकी भी उम्मीदें पस्त हो रही हैं. उनकी आंखों का सूनापन और आंखो...
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