चमोली त्रासदी: ‘मैंने हमेशा जंगल काटे लेकिन एक पेड़ ने जान बचाई’..ये कहकर रो पड़ा विक्रम

मेरा काम हमेशा से पहाड़ों और जंगलों को काटने का रहा है मगर आपदा में जब मैं मौत के मुंह में जा रहा था तब एक पेड़ ने मेरी रक्षा की और मुझे जीवनदान दिया। स्टोरी और फोटो साभार-TOI

प्रकृति ...नि:स्वार्थ भाव से मनुष्य की सेवा करती है और उसके बदले में उससे कुछ नहीं मांगती। हम लगातार उसका हनन करते हैं, उसको चोट पहुंचाते हैं, उसको कष्ट देते हैं, मगर तब भी प्रकृति ढाल की तरह हमारी रक्षा करती है, बुरा वक्त आता है तो वह हमें बचाती है। शायद यही प्रवृत्ति मनुष्य कभी अपना नहीं पाया। हम लगातार प्रकृति का हनन कर रहे हैं। बीते रविवार को चमोली जिले में जो हुआ वह भी इसी का दुष्परिणाम था। न जाने कितने ही बेकसूर मौत के ...
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