चमोली आपदा: खत्म हुआ रामकृष्ण का हंसता-खेलता परिवार..सैलाब में बही पत्नी और बेटी

बुजुर्ग रामकृष्ण अपना दर्द बयां करते-करते रो पड़ते हैं। वो कहते हैं कि हर समय बेटी और पत्नी का चेहरा सामने आ जाता है, काश वो दोनों लौटकर आ जाते।

चमोली में आया आपदा का सैलाब अपने पीछे कई दर्दभरी कहानियां छोड़ गया। प्रकृति का रौद्ररूप देखकर हर कोई सहमा हुआ है। इस आपदा में किसी ने अपना बेटा खो दिया तो किसी ने अपना पति। कई परिवारों के इकलौते कमाऊ सदस्य आपदा के सैलाब में बह गए। चमोली के तपोवन क्षेत्र में रहने वाले रामकृष्ण सेमवाल ने भी आपदा में अपनी पत्नी और बेटी को खो दिया। आपदा के 12 दिन बाद भी इन लोगों का कुछ पता नहीं चला। बुजुर्ग रामकृष्ण अपना दर्द बयां करते-करते रो पड़...
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