उत्तराखंड: लॉकडाउन में जॉब छूटी तो शहर से गांव लौटा इंजीनियर..सब्जी उत्पादन से संवारी किस्मत
कोरोना काल में इंजीनियर महेंद्र की जॉब छूट गई। जिसके बाद वो गांव लौट आए, लेकिन घर पर खाली नहीं बैठे। उन्होंने खेती शुरू की और अपने लिए आमदनी का नया जरिया तैयार कर लिया। पढ़िए उनकी सक्सेस स्टोरी
इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं। हम वो सब कर सकते हैं, जो हम सोच सकते हैं और हम वो सब सोच सकते हैं, जो हमने आज तक नहीं सोचा। इस पंक्ति को अगर हकीकत में साकार होते देखना है तो चमोली चले आइए। जहां कर्मठ इंजीनियर महेंद्र सिंह बिष्ट स्थानीय लोगों को स्वरोजगार का महत्व बता रहे हैं। महेंद्र उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें कोरोना काल में अपनी जॉब गंवानी पड़ी। नौकरी छूटी तो महेंद्र गांव लौट आए, लेकिन घर पर खाली नहीं बैठे। उन्होंने ख...
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