उत्तराखंड से बड़ी खबर, सड़कों के मलबे से गोरी नदी में बनी झील..मौके पर पहुंची टीम
राजस्व दल ने कहा कि मलबे से नदी का प्रवाह प्रभावित जरूर हुआ है, लेकिन झील से लगातार पानी की निकासी हो रही है। इसलिए पांतू गांव पर किसी तरह का संकट नहीं है।
पहाड़ में नदी किनारे मलबा जमा होने से बनी झीलें किस हद तक खतरनाक हो सकती हैं, इसकी एक बानगी हम चमोली आपदा के रूप में देख चुके हैं। कुमाऊं का मुनस्यारी क्षेत्र भी इसी तरह के संकट से जूझ रहा था। यहां निर्माणाधीन सड़कों का मलबा गोरी नदी में डाला जा रहा था। जिससे नदी का प्रवाह प्रभावित हुआ और झील बनने लगी। हालांकि राहत वाली बात ये है कि झील से पानी के निकासी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुवार को तहसील मुख्यालय से राजस्व विभाग...
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