दिल्ली, देहरादून और नहर की लड़ाई: पढ़िए इतिहास के पन्नों से ये रोचक ब्लॉग

1857 के बाद अंग्रेजों ने दून की प्यास बुझाने के लिए दून में यमुना नदी पर दूसरा नहर नहीं बनाया। पढ़िए लेखिका Sweety Tindde का ब्लॉग

वर्ष था 1841, देहरादून का वो हिस्सा जो यमुना और सीतला नदी के बीच का था वो बंजर था, न खेती और न ही जंगल। कृषि विकास में अंग्रेजों का जमींदारों पर से विश्वास ख़त्म हो चुका था और सरकार धड़ल्ले से नहर की खुदाई करवा रही थी। देहरादून में ही एक नहर (बीजापुर) बन चुका था दूसरा (राजपुर) बन रहा था और तीसरे पर विचार हो रहा था। ये तीसरा था, कुत्था पुत्थौर नहर जिससे 17000 एकड़ जमीन की सिंचाई होने वाली थी। भू-राजस्व विभाग ने अप्रैल में योजना बनाई, जुलाई में दिल्ली-करनाल क्षेत्र के राजस्व विभाग ने आपत्ति जाहिर...
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