उत्तराखंड में ‘जुगाड़ सत्र’ तो हमेशा खुला है! पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग
तो भाई दुर्गम वालो, तबदला सत्र के शून्य होने पर रुदन-क्रंदन न मचाओ, प्रतिनियुक्ति जैसी जुगाड़ की “कला” में महारत हासिल करो, वरना तबादला सत्र से ज्यादा तबादला संभावना शून्य है !
उत्तराखंड में तबादले यानि ट्रांस्फर और वह भी शिक्षा विभाग में ट्रांस्फर, राज्य बनने के बाद से चर्चा का विषय रहे हैं. प्रदेश बनने के बाद शिक्षा व्यवस्था पर संभवतः उतनी बहस नहीं हुई होगी, जितनी शिक्षा विभाग के तबादले,सुगम-दुर्गम आदि पर होती रहती है.कहने को 2017 में भाजपा ने त्रिवेन्द्र रावत के मुख्यमंत्री रहते एक तबादला कानून भी बनाया, लेकिन मजाल है कि वो कानून कभी कागज से जमीन पर उतरा हो ! इस बार कोरोना के चलते तबादल...
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