बच्चों को गढ़वाली सिखानी है? लीजिए आ गई गढ़वाली नर्सरी Rhymes..आप भी देखिए
और हां पसंद आए तो इसे बनाने वाले की तारीफ करने में कंजूसी न करें..ताकि और लोगों को भी प्रोत्साहन मिले। देखिए वीडियो
अपनी बोली अपनी बाणी में जो मिठास होती है वो मिठास दुनिया की किसी मिठाई में नहीं मिल सकती...और पहाड़ों का पानी जितना मीठा है उतनी ही मीठी है यहां की बोली..चाहे गढ़वाली हो, कुमांउनी हो या जौनसारी..अपनी भाषा कानों में मिसरी घोल देती है। अब आप सोचेंगे की आखिर आज भाषा पर बात हो रही है तो कुछ खास जरूर होगा..जी हां खास है..बेहद खास..इस बात से शायद कई लोग इत्तेफाक रखते होंगे कि बाकी राज्यों की तुलना में उत्तराखंड के लोग अपनी भाषा का इस्तेमाल कम करते हैं..मसलन चार बंगाली आपस में बंगाली में बात करेंगे...म...
...Click Here to Read Full Article