गढ़वाल: धीरे-धीरे धंस रहा है मस्ताड़ी गांव, 24 साल से खौफ में जी रहे लोग..टैंट में रहने की मजबूरी
24 साल से गांव वाले डर के साये में जीने को मजबूर हैं, लेकिन इनकी परेशानी पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
खौफ के साये में जीना किसे कहते हैं, ये जानना हो तो उत्तरकाशी के मस्ताड़ी गांव चले आईए। ये गांव धीरे-धीरे धंस रहा है। 24 साल से गांव वाले डर के साये में जीने को मजबूर हैं, लेकिन इनकी परेशानी पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। गांव के धंसने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी। उस वक्त उत्तरकाशी में भयानक भूकंप आया था। गांव के लगभग सभी मकान ध्वस्त हो गए थे। भूकंप का दौर तो गुजर गया, लेकिन गांव वालों की मुसीबतों का दौर शुरू हो गया। ये गांव ध...
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