गढ़वाल: मां-बेटी ने एक साथ दी परीक्षा..मां ने किया 12वीं पास, दसवीं में पहुंची बेटी

कमला के घर की स्थिति ठीक नहीं थी, वो सिर्फ 8वीं तक की पढ़ाई कर सकीं। साल 2006 में शादी हो गई, तीन बच्चों की जिम्मेदारी सिर पर आ गई।

‘निल बटे सन्नाटा’। कुछ साल पहले आई ये फिल्म मां-बेटी के रिश्ते और पढ़ाई के लिए उनकी जर्नी पर आधारित थी। मां घरों में काम करती है ताकि बेटी पढ़ लिखकर नाम कमाए, मगर बेटी सोचती है कि जो मां करती है वह भी वही करेगी, इसलिए पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती। बाद में मां अपनी बेटी के स्कूल में एडमिशन लेती है और इस तरह बेटी के मर चुके ख्वाब को जिंदा करने की कोशिश में अपने सपनों को जीना शुरू कर देती है। फिल्म का जिक्र हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि पढ़ाई के लिए जज्बे की ऐसी ही एक मिसाल अपने उत्तराखंड में भी सामने आई...
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