उत्तराखंड: कई यादगार गीत देने के बाद..अब ‘पांडवाज़’ ला रहे हैं कुछ अलग, कुछ बेहतरीन
पलायन से खाली हो चुके गांवों में हर तरफ एक डराने वाली खामोशी पसरी है। पांडवाज प्रोडक्शन की शॉर्ट फिल्म ‘यकुलांस-द घोस्ट ऑफ विलेज’ उत्तराखंड की इसी हकीकत को बयां करती है।
‘यकुलांस’ यानि अकेला होना। अकेले होने का दर्द क्या होता है, ये जानना हो तो उत्तराखंड के खाली होते गांवों में एक चक्कर लगा आइए। कभी हंसी-ठिठोली से गूंजते इन गांवों में अब खौफनाक सन्नाटा पसरा है। रोजी-रोटी की तलाश में गांव के जवान शहरों में चले गए। खाली पड़े मकानों में अब दरख्त उग आए हैं, हर तरफ एक डराने वाली खामोशी पसरी है। पांडवाज प्रोडक्शन की शॉर्ट फिल्म ‘यकुलांस-द घोस्ट ऑफ विलेज’ उत्तराखंड की इसी हकीकत को बयां करती है। बीते एक दशक के भीतर उत्तराखंड से पांच लाख से ज्यादा लोग पलायन कर गए हैं। जि...
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