उत्तराखंड: IAS दीपक रावत पूरा नहीं कर पाए वादा, पेंशन के इंतजार में विदा हुई संतोषी देवी
जीवन के आखिरी पड़ाव में भी संतोषी देवी ने किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया, लेकिन हां, वो सरकार से वृद्धावस्था पेंशन जरूर मांग रही थीं, क्योंकि ये उनका हक था।
कहते हैं उम्मीद पर दुनिया कायम है, परिस्थितियां जैसी भी हों, हमें घुटने नहीं टेकने चाहिए। 91 साल की संतोषी देवी भी यही सोचा करती थीं। अपनों ने धोखा दिया तो ये बुजुर्ग महिला हरि के द्वार हरिद्वार पहुंच गईं। वहां हरकी पैड़ी पर थैले बेचकर अपना गुजारा करने लगी। जीवन के आखिरी पड़ाव में भी संतोषी देवी ने किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया। लेकिन हां, वो सरकार से वृद्धावस्था पेंशन जरूर मांग रही थीं, क्योंकि ये संतोषी देवी का हक था। संतोष...
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