"सेंहSगो"... गढ़वाली भाषा बचाने को "पांडवाज" की नायाब कोशिश, देखिये विडियो
"सेंहSगो" (Sonhgo Garhwali Grammar) नाम की ये किताब हाल ही में उत्तराखंड के प्रसिद्ध Pandavaas Group ने प्रकाशित की है।
संसार का हर प्राणी अपनी बात कहने के लिए किसी ना किसी तरह की भाषा का उपयोग करता है। किसी भी भाषा को सही तरह से कहने और समझने के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है। पहली चीज तो शब्द हैं। और शब्दों को सही तरीके से जोड़ कर अपनी बात कहने या दूसरों की कही बात समझने के लिए जिस ज्ञान की आवश्यकता होती है उसे व्याकरण कहते हैं। जैसे मानव शरीर की सही समझ के लिए "बायोलॉजी" का ज्ञान जरूरी है, किसी देश-प्रदेश को सही तरीके से समझने के लिए "भूगोल" का ज्ञान होना जरूरी है, उसी तरह व्याकरण किसी भी भाषा का वह हिस्सा है...
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