गढ़वाल: 90 साल की रुक्मणी दादी, 80 साल से गा रही हैं ‘पांडवाणी’..बचाई रखी अनमोल विधा

जिस उम्र में ज्यादातर लोग खुद को लाचार मान लेते हैं, उस उम्र में Rukmani Purohit Pandwani Singing विधा को बचाए रखने की जद्दोजहद में जुटी हैं।

उत्तराखंड की संस्कृति, लोक विधाएं और बोली-भाषा हमारी धरोहर हैं। बदलते वक्त के साथ युवा पीढ़ी लोक कलाओं से लगाव खोने लगी है, लेकिन अब भी कुछ लोग हैं, जो सबकुछ भूलकर इन्हें संजीवनी देने की कोशिश में जुटे हैं। चमोली की रहने वाली 90 साल की Rukmani Purohit Pandwani Singing विधा की ऐसी ही शख्सियत हैं। जिस उम्र में ज्यादातर लोग खुद को लाचार मान लेते हैं, उस उम्र में रुक्मणी पुरोहित पांडवाणी गायन विधा को बचाए रखने की जद्दोजहद में जुटी हैं। चमोली जिले की बंड पट्टी के दिगोली और पैनखंडा के पांखी गांव में इ...
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