बागेश्वर की पहली महिला टीचर देवकी धपोला, 88 साल की उम्र में भी जला रही हैं शिक्षा की अलख

सच कहें तो देवकी धपोला जैसी महिलाएं ही महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल हैं। पढ़िए उनकी बेमिसाल कहानी

सेवा भाव और दूसरों के लिए बिना स्वार्थ कुछ करने का जज्बा ऐसी शक्ति है, जिससे बड़ी से बड़ी समस्या को हल किया जा सकता है। अब बागेश्वर की शिक्षिका देवकी धपोला को ही देख लें। 88 साल की होने के बावजूद देवकी आज भी बेटियों को शिक्षा के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत दे रही हैं। सच कहें तो देवकी धपोला जैसी महिलाएं ही महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल हैं। वह बागेश्वर जिले की पहली शिक्षिका होने का गौरव हासिल कर चुकी हैं। शिक्षा के क्षेत्र में रहते हुए उन्होंने अपनी बेटियों को भी बेहतर शिक...
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