उत्तराखंड: इंजीनियरिंग छोड़ अपने गांव लौटे भास्कर..गो-पालन, फ्रूट प्रोसेसिंग से हो रही है कमाई
Bageshwar जिले के जौलकांडे के Bhaskar ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर गांव में संतरा, माल्टा और बुरांश के जूस बनाने का काम शुरू किया है।
युवाओं के दिल में कुछ करने की चाहत हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। शहरों में नौकरी करके दिन रात पसीने बहाने से बेहतर है अपनी जन्मभूमि में, अपने लोगों के बीच पहाड़ों में रहकर काम करना। स्वरोजगार के कई जरिए हैं, बस जरूरत है सबसे अच्छा जरिया चुनने की, जिससे घर भी चले और शहरों की ओर भी न जाना पड़े। Success Story of Bhaskar of Bageshwar उत्तराखंड के युवाओं के अंदर भी देवभूमि में रहकर कुछ करने का जज्बा है जो कि पिछले 2 सालों में काफी अधिक बढ़ा है। आज हम फिर स्वरोजगार की एक जबरदस्त सक्सेस स...
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