उत्तराखंड में दूसरा नौकरी घोटाला! 200 उर्दू अनुवादकों की भर्ती को लेकर बड़ा खुलासा
सीधे तौर पर इनकी सेवाएं 1996 में खत्म हो जानी थीं, लेकिन 23 साल से ये कर्मचारी अलग-अलग विभागों में जमे हुए हैं।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के खुलासे के बाद दूसरी भर्तियां भी संदेह के घेरे में हैं। इस बीच उर्दू अनुवादकों की भर्ती में भी भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है। RTI Report on Urdu Translators Recruitment Uttarakhand आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने दावा किया है कि प्रदेश में करीब 150 से 200 कर्मचारी फर्जी नियुक्ति के बल पर पिछले 23 सालों से तैनाती पर हैं। ये नियुक्तियां साल 1995 मे सपा सरकार के सत्ता में रहते हुई थीं। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद शासन में सचिव आबकारी इस मामले पर क...
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