उत्तराखंड: सारे लोग चले गए, औलादों ने भी बनाई दूरी..गांव में बचे हैं सिर्फ दो बुजुर्ग
अपने गांव-घरों के लिए हीरावल्लभ जैसे कई बुजुर्गों ने अपनी औलादों तक से दूरी बना ली और किसी तरह आज भी गांवों को आबाद रखने में जुटे हैं।
उत्तराखंड में पलायन की समस्या नई नहीं है। यहां के युवा रोजगार व अन्य कारणों से गांवों को छोड़ चुके हैं, लेकिन इस धरती पर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अपना गांव, अपना पहाड़ सबसे प्यारा है। Pithoragarh Koraltada Tok Hira Ballabh Kapri Story पिथौरागढ़ के तोक कोरलताड़ा में रहने वाले हीरावल्लभ कापड़ी और हरिप्रिया कापड़ी ऐसी ही शख्सियत हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव में होने के बावजूद इनके जैसे कई बुजुर्ग गांव-घर छोड़ने को राजी न हुए। अपने गांव-घरों के लिए इन बुजुर्गों ने अपनी औलादों तक से द...
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