Jaswant Singh Rawat: वो शहीद जिसके कपड़ों पर आज भी होती है प्रेस, सेवा में लगे रहते हैं जवान

राइफलमैन जसवंत सिंह रावत Jaswant Singh Rawat के बारे में कहा जाता है कि शहीद होने के बाद भी वो सीमा पर ड्यूटी करते दिखते हैं।

कहते हैं एक सिपाही मरता नहीं, अमर हो जाता है। शरीर छोड़ देने के बाद भी वो वतन के प्रति अपना कर्तव्य निभाता है। Story of Martyr Jaswant Singh Rawat गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन जसवंत सिंह रावत ऐसी ही शख्सियत हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि शहीद होने के बाद भी वो सीमा पर ड्यूटी करते दिखते हैं। 1962 के भारत चीन युद्ध में जसवंत सिंह रावत अकेले 72 घंटे तक चीनियों से लड़ते रहे। उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मासनित किया गया। भारतीय सेना इस जांबाज को बाबा जसंवत के नाम से सम्मान दे...
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