उत्तराखंड: घर में हुई तीसरी संतान, दो प्रधानों को गंवानी पड़ी कुर्सी..BDC मेंबर ने भी दिया इस्तीफा
प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के लिए दो बच्चों की बाध्यता है। तीसरी संतान होने पर प्रतिनिधि को अयोग्य माना जाता है।
अल्मोड़ा में तीसरी संतान होने पर दो प्रधान और एक बीडीसी मेंबर को त्यागपत्र देना पड़ गया। almora lamgada syalde gram pradhan resigns अब इन सभी सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के लिए दो बच्चों की बाध्यता है। तीसरी संतान होने पर प्रतिनिधि को अयोग्य माना जाता है। 2019 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान लागू अधिसूचना में तीसरी संतान वाले उम्मीदवारों को प्रधान, बीडीसी पद के लिए अपात्र कर दिया गया था। तीन साल बाद भी नए नियम के तहत ऐसे प्रतिनिधियों क...
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