गढ़वाल: शहीद रुचिन रावत आज अपने गांव में होते, वो तिरंगे में लिपटकर चले गए

जवान रुचिन सिंह रावत ने कहा था कि वह 10 मई को पत्नी और बच्चे के साथ गांव पहुंचेंगे, लेकिन अफसोस कि रुचिन अपना वादा निभा नहीं सके।

देश के जांबाज सपूत रुचिन सिंह की अब सिर्फ यादें शेष हैं। Uttarakhand Martyr Ruchin Rawatशुक्रवार रात को राजौरी में हुए आतंकी हमले में रुचिन के बलिदान की सूचना प्रदेश-गांव में पहुंच चुकी थी, लेकिन कोई भी इस बारे में उनके परिजनों को बताने की हिम्मत नहीं जुटा सका। रुचिन की पत्नी कल्पना ने फोन पर ये दुखद खबर परिजनों को दी। जिसके बाद दादा कलम सिंह, दादी मालती देवी और रुचिन की माता पार्वती देवी सहित हर कोई रो-पड़ा। चमोली के गैरसैंण में स्थित कूनीगाड़ मल्ली निवासी राजेंद्र सिंह रावत के...
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