उत्तराखंड में घोड़े की पीठ पर चलती फिरती लाइब्रेरी, गांव गांव में जलाई जा रही शिक्षा की अलख
आज के वक्त में जब लोग अपने बच्चों को मोबाइल-लैपटॉप थमाकर उनकी क्रिएटिविटी खत्म कर रहे हैं, ऐसे वक्त में इन युवाओं की कोशिश वाकई सराहनीय है। पढ़िए रिपोर्ट
इरादे अगर नेक हों तो राहें मिल ही जाती हैं। अब नैनीताल में ही देख लें। Horse library for rural children in Nainitalयहां के युवाओं ने दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों की सुविधा के लिए शानदार काम किया है। इन्होंने घोड़े की पीठ पर चलती-फिरती लाइब्रेरी बनाई है। आपने कई तरह की लाइब्रेरी के बारे में सुना होगा, लेकिन नैनीताल की घोड़ा लाइब्रेरी अपने आप में अनोखी है। जिले के वो गांव, जो आज भी संचार और सड़क नेटवर्क से दूर हैं, वहां ये घोड़ा लाइब्रेरी छात्रों की सबसे अच्छी दोस्त साबित हो रही है।...
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