उत्तराखंड: सुरंग में 17 दिन, न सोने को बिस्तर, न ही शौचालय, पढ़िए मजदूरों की आप-बीती
श्रमिकों ने 9 दिन तक सिर्फ ड्राई फ्रूट्स-चने खाकर व भीतर बह रहे स्रोत के पानी से गुजारा किया। न तो सोने को बिस्तर था न शौचालय, फिर भी हिम्मत बनाए रखी।
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग से बचाए गए सभी श्रमिक जिंदादिली की मिसाल बनकर उभरे हैं। 17 days of Silkyara Tunnel Rescue बीते 17 दिनों से इनकी सलामती के लिए देशभर में दुआएं मांगी जा रही थीं, दुआएं कबूल हुईं और आज ये सभी खुली हवा में सांस ले रहे हैं, अपनों के बीच पहुंच चुके हैं। हर कोई इन सभी 41 मजदूरों की कहानी जानने को बेताब है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सभी मजदूरों का हालचाल जाना और फोनकॉल के जरिए उनके साथ बात की। पीएम मोदी ने सुरंग में फंसे मजदूरों का नेतृत्व करने वाले शबा अहमद और...
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