Uttarakhand: फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी पाई, 2016 में रिटायर्ड प्रधानाध्यापक..अब मिली 5 साल की सजा
एक सेवानिवृत्त शिक्षक को फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का दोषी पाया गया। रिटायरमेंट के बाद अदालत ने उन्हें सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।
फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने के मामले में वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हुए प्रधानाध्यापक को दोषी ठहराया गया है। अदालत ने इस अपराध के लिए पांच साल के कठोर कारावास और तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।Retired Teacher Jailed for Using Fake Certificate in Tehri उत्तराखंड में सरकारी सेवा में फर्जी प्रमाणपत्रों के इस्तेमाल का एक और मामला सामने आया है। उप शिक्षाधिकारी नरेंद्रनगर ने 2018 में दर्ज शिकायत में खुलासा किया कि राजकीय प्राथमिक स्कूल सिलकणी, नरेंद्रनगर से 2016 में ...
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