उत्तराखंड: जान हथेली पर रखकर स्कूल पहुंच रहे बच्चे, गर्भवतियों-बीमारों के लिए जहन्नुम है ये जगह

घरुरी के निवासी छात्र ट्रॉली से यात्रा करने के बाद प्रतिदिन दो किलोमीटर की दूरी तय करते हैं, और इन दिनों बोर्ड परीक्षा देने के लिए उन्हें राजकीय इंटर कॉलेज तक लगभग 2.5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।

यहां एक दूरस्थ पहाड़ी गांव में विद्यार्थियों के साथ अन्य लोगों को भी गांव से बाहर कोई काम पड़ने पर ट्रॉली से नदी पार करनी पड़ती है. विद्यार्थियों को ट्रॉली पार करने के बाद 2 कीमी से अधिक पैदल चलकर स्कूल पहुंचना पड़ता हैं. No bridge even after 77 years of independenceजनपद पिथौरागढ़ का एक दूरस्थ पहाड़ी गांव "घरुरी" है, जहां के विद्यार्थियों और स्थानीय निवासियों को प्रतिदिन इस समस्या का सामना करना पड़ता है। गांव से नदी पार करने का एकमात्र साधन ट्रॉली है, जिसे चलाने के लिए नदी के एक किन...
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