देवभूमि में शोक की लहर, होनहार कवियित्री पायल उनियाल नहीं रहीं
उनकी रचनाओं में पहाड़, पहाड़ की वेदना, पहाड़ की खुशी झलकती थी। लेकिन दुख की बात ये है कि वो होनहार कवियित्री अब हमारे बीच नहीं रही।
बातों से अपनत्व और रचनाओं में पहाड़ की सुंदरता को दिखाने वाली पायल उनियाल अब हमारे बीच नहीं रहीं। मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले की पायल फिलहाल काशीपुर में रह रहीं थीं। पहाड़ की जानी मानी कवियित्री थी पायल, जिन्होंने अपनी रचनाओं से हर किसी को अपना कायल बना लिया था। गढ़वाली काव्य की नव सृजनहार कही जाने वाली पायल के अचानक इस दुनिया से चले जाने से हर कोई हैरान है। अपनी कविताओं में जीवन जीने की सीख देने वाली पायल पर भी क्षण भर के लिये अवसाद हावी हो गया और वो हमेशा के लिये इस दुनिया से विदा हो गयी। यकीन न...
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