पहाड़ की मंजू भंडारी..पिता की मौत के बाद खुद चलाने लगी खच्चर, बदली समाज की सोच

राज्य समीक्षा की कोशिश रहती है कि ऐसी महिलाओं की कहानियों को आप तक पहुंचाएं, जो वास्तव में हर किसी के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं।

कहते हैं कि एक नारी से ज्यादा सहन करने की क्षमता किसी में नहीं होती। इतिहास गवाह है कि नारी शक्ति ने हर बार इतिहास को चुनौती देते हुए नया इतिहास रचा है। खासतौर पर जब बात पहाड़ की नारियों की हो, तो उनके लिए दल में अलग ही सम्मान पैदा होता है। आज जिस महिला से हम आपको रू-ब-रू कराने जा रहे हैं, उनका नाम है मंजू भंडारी। टिहरी के जाख गांव की मंजू अपने पिता की मौत के बाद मंजू पूरी तरह से टूट चुकी थी लेकिन वो दोबारा उठ खड़ी हुई। मंजू ने अपने दम पर ...Click Here to Read Full Article

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