ऋषिकेश की दिव्यांग अंजना: कभी भीख मांगती थी, आज मुंहमांगे दाम पर बेचती है पेंटिंग
कहते हैं हुनर कभी भी पहचान का मोहताज नहीं होता। राज्य समीक्षा की कोशिश है कि आप तक ऐसी कहानियों को पहुंचाएं। पढ़िए एक सच्ची और अच्छी कहानी
दिव्यांग..ये शब्द सुनते ही तस्वीर साफ हो जाती है कि वो शख्स कैसा होगा। लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड के ऋषिकेश की एक ऐसी दिव्यांग बेटी अंजना की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने दिव्यांग होने के बाद भी अपना हौसला नहीं हारा। कभी फुपाथ पर भीख मांगकर अपना पेट पालने वाली अंजान आज एक बेहतरीन पेंटर हैं। दिव्यांग अंजना अब पैरों से पेंटिंग बनाती हैं और अपना गुजारा कर रहके जरिये जीविका चला रही है। आप ये जानकर भी हैरान होंगे कि अंजना की बनाई पेंटिंग आज पांच हजार रुपये तक बिक जाती है। क्या आप जानते हैं कि आखिर अंज...
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