पौड़ी गढ़वाल की ‘दामिनी’, विधवा मां का इकलौता सहारा थी..घर में शादी की तैयारी थी
पौड़ी गढ़वाल की वो बेटी अब हमारे बीच नहीं है। वो अपनी विधवा मां का इकलौता सहारा थी और घर में शादी की तैयारियां चल रहीं थीं।
पौड़ी गढ़वाल की उस बेटी ने साल 200 में जन्म लिया था। पढ़ाई लिखाई में हमेशा अव्वल रही। वो अपने माता-पिता के साथ खुश थी लेकिन बीच में ही पिता साथ छोड़कर चले गए थे। अब परिवार में बूढ़ी मां और बेटी ही बची थीं। जिंदगी जैसे तैसे कट रही थी लेकिन एक हैवान की नज़र इस परिवार को लग गई। 16 दिसंबर को पौड़ी के कफोलस्यूं पट्टी की उस बेटी को एक हैवान ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था। अब वो बेटी इस दुनिया में नहीं है और बूढ़ी मां की आंखें आंसुओं के सैलाब से पथरा सी गई हैं। मां ने कभी भी बेटी को किसी तरह क...
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